चक्रासन
यह आसन कमर दर्द में काफी आरामदायक है। इसे करने के लिए एक चटाई पर सीधे लेट जाएं और फिर अपने हाथों और पंजों के बल पर अपने शरीर को ऊंचा उठाएं। इस दौरान कमर को जितना हो सकता है उतना ऊंचा उठाएं। 1 या 2 मिनट तक इसी अवस्था में रहने के बाद धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए नॉर्मल अवस्था में आ जाएं। इस आसन से कमर की मांसपेशियां लचीली हो जाती हैं और उन्हें मजबूती भी मिलती है।

chakrasana benefits , chakrasana vidhi , chakrasana full information
चक्रासन



विधि:-
  • सबसे पहले आप पीठ के बल लेट जाएं।
  • घुटने मोड़ें तथा एड़ियों को नितंबों से स्पर्श कराते हुए पैरों को 10 -12 इंच की दूरी पर रखें।
  • बांह उठाएं और कोहनियां मोड़ लें।
  • हथेलियों को कंधों के ऊपर सिर के निकट जमीन पर रख लें।
  • सांस लें तथा धीरे-धीरे धड़ को उठाते हुए पीठ को मोड़ें।
  • धीरे से सिर को लटकता छोड़ दें एवं बांहों तथा पांवों को यथासंभव तान लें।
  • धीरे धीरे सांस लें और धीरे धीरे सांस छोड़े।
  • जब तक संभव हो सके इस मुद्रा   बनाए रखें।
  • उसके बाद शरीर को इस तरह नीचे करते हुए आरंभिक अवस्था में लौटें कि सिर जमीन पर ही टिका रहे। शरीर के शेष भाग को नीचे लाएं तथा विश्राम करें।
  • यह एक चक्र हुआ।
  • इस तरह आप चार से पांच चक्र करें।
लाभ :-
चक्रासन योग के अनगिनत फायदे हैं। यहां पर आप को इसके कुछ खास लाभ का जिक्र किया जा रहा है। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि आप इस योगाभ्यास से ज़्यदा से ज़्यदा लाभ उठा सकते हैं अगर ऊपर बताये गए तरीके का अनुसरण करते हैं।
फायदा
  1. चक्रासन पेट की चर्बी के लिए : अगर आप पेट की चर्बी से हैं परेशान तो चक्रासन आपके लिए एक बेहतरीन योगाभ्यास है। इस आसन में इतनी क्षमता है की यह आपके पेट की चर्बी को कम कराते हुए इसे फ्लैट कर दे। एक सप्तहा के अंदर ही आपको इसके अच्छे नतीजे सामने आने लगेंगे।
  2. चक्रासन बुढ़ापे को रोकता है: कहा जाता है कि यह आसन करने से वृद्धावस्था देर से आती है और आपके युवा अवस्था को बरकरार रखती है। आप यह भी कह सकते हैं कि आपके उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को यह योगाभ्यास धीमा कर देता है।
  3. चक्रासन त्वचा की खूबसूरती के लिए: इस आसन में जब आप अपने सिर को नीचे लटकाते है तो खून का प्रवाह ज़्यदा हो जाता है जो आपके चेहरे के निखार में बहुत मददगार है।
  4. चक्रासन रीढ़ की हड्डी के लिए रामबाण: आजकल की जीवन शैली में अक्सर लोग स्पाइन की समस्याएं से जूझ रहे हैं।  लेकिन यह आसन का अभ्यास आपको मेरुदंड की हर परेशानियों से निजात दिला सकता है।  यह आपके रीढ़ की हड्डी को लचीला एवं मजबूत बनाता है।
  5. चक्रासन कमर पतली करने के लिए: आप मोटी कमर से परेशान ही तो चक्रासन का अभ्यास करें।
  6. चक्रासन छाती को चौड़ा करता है: यह आपके छाती को चौड़ा करते हुए फेपड़े से सम्बंधित परेशानियों को दूर करता है।
  7. चक्रासन कंधा के लिए: यह आपके कंधों एवं घुटनों को मजबूत बनाता है।
  8. पाचन तंत्र के लिए: यह आपके स्वस्थ रखते हुए पाचन संबंधी परेशानियों को दूर करता है।
  9. स्वस्थ ह्रदय:  यह आपके ह्रदय को स्वस्थ रखता है।
  10. शरीर में स्फूर्ति: आपके शरीर में स्फूर्ति ले कर आता है।
सावधानी :-
  • ज़्यादा हाइ ब्लड प्रेससूर वाले व्यक्ति इस आसन को करने से बचें।
  • हृदय की समस्या में इस योग मुद्रा को नहीं करें।
  • इस आसन को करना थोड़ा कठिन है कभी भी ज़बरदस्ती नही करनी चाहिए।
  • चक्कर आने की पोज़िशन में इस योग को नहीं करें।
  • ज़्यादा कमर दर्द पर इसका अभ्यास मत करें।
  • हर्निया, नेत्र दोष और गर्दन की दर्द वाले इसे न ही करें।
  • जो चक्रासना नहीं कर पाए उन्हें अर्धचक्रासन योगा करना चाहिए।